बारिश और बर्फबारी के बावजूद श्रद्धालुओं में अटूट आस्था
रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुकी है। बारिश और बर्फबारी के बावजूद भक्तों में भारी उत्साह बना हुआ है। खास बात यह है कि केदारनाथ धाम यात्रा ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। अब तक 16 लाख 52 हजार श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच चुके हैं, जबकि अभी धाम के कपाट बंद होने में 14 दिन का समय शेष है।
पिछले वर्ष 2024 में पूरे यात्राकाल में इतनी ही संख्या दर्ज की गई थी। आज (09 अक्टूबर 2025) तक 5614 श्रद्धालुओं ने श्री केदारनाथ धाम में दर्शन किए।
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कपाट बंद होने से पहले ही टूटा रिकॉर्ड
श्री केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैयादूज के दिन बंद होंगे। यानी यात्रा अभी करीब 15 दिन और चलेगी। ऐसे में यात्रियों की संख्या में और बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। इसी तरह श्री बदरीनाथ, श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री धाम में भी यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं। यात्रा मार्गों पर सुरक्षा जवानों की तैनाती, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में जेसीबी मशीनों की व्यवस्था, और यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। सरकार का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बारिश और भूस्खलन से यात्रा को झेलनी पड़ी चुनौतियाँ
इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा का शुभारंभ हुआ था। 2 मई को केदारनाथ धाम और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए। हालांकि, मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने यात्रा को गहरा झटका दिया। गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली पूरी तरह तबाह हो गया था, जिसके चलते यात्रा को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
बारिश थमने के बाद प्रशासन ने युद्धस्तर पर काम करते हुए यात्रा मार्गों को दुरुस्त किया। अब सभी चारों धामों की यात्रा दोबारा शुरू हो चुकी है। फिर भी प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि मौसम खराब होने पर यात्रा से बचें और किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि
- श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
- सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- आपातकालीन स्थिति में राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किए जाएं।
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चारधाम यात्रा 2025 में केदारनाथ धाम ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है। भारी बारिश, बर्फबारी और प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद श्रद्धालुओं की अटूट आस्था इस यात्रा को आध्यात्मिक सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रही है।
